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नीमच 16 अप्रेल 2024, फसल कटाई के उपरांत खेतों में फसल अवशेष, नरवाई बची रहती है। फसल अवशेषों, नरवाई को खेतो की जुताई कर मृदा में मिला देना चाहिए क्योंकि फसल अवशेषों के सढ़ने के उपरांत खेतों में उत्तम प्रकार की जैविक खाद बनती है, जिससे मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता बढ़ती है एवं मृदा में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि होती है। नरवाई जलाने से मृदा की उर्वरता, उत्पादकता एवं जल धारण क्षमता घटती है तथा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। नरवाई जलाने से बीजों की अंकुरण क्षमता भी प्रभावित होती है। अतः किसान भाईयों को सलाह दी जाती है, कि फसल नरवाई एक धरोहर है, जिससे जैविक खाद बनाए, अगर हम फसल नरवाई को जलाते है, तो हम अपनी धरोहर को जलाकर भूमि को बंजर बनाने का कार्य कर रहे है, इसलिए फसल नरवाई को कभी नहीं जलाए।